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किसानों से लोक अदालत एवं एकमुश्त समझौता योजना का लाभ लेने की प्रबंध संचालक पीएस धनवाल ने की अपील 

 

 

किसानों से लोक अदालत एवं एकमुश्त समझौता योजना का लाभ लेने की प्रबंध संचालक पीएस धनवाल ने की अपील  

शाखा प्रबंधको से वन-टु-वन ऋण वसूली समीक्षा कर लक्ष्य पूर्ति के दिए निर्देष 

            खरगोन(रिपोर्ट प्रवीण यादव):- जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित खरगोन के प्रबंध संचालक पीएस धनवाल के द्वारा वर्ष 2024-25 की अल्पकालीन फसल ऋण एवं अकृषि ऋणों की वसूली के संबंध में शाखा प्रबंधको से वन-टु-वन चर्चा की गयी। इस दौरान पाया गया कि कालातीत कृषि ऋणों की संस्था स्तर पर वसूली अत्यधिक असंतोषजनक है। लगभग पन्द्रह हजार किसान ऐसे है जो पॉच वर्षो से अधिक अवधि के बकायादार है। जो एकमुश्त समझौता योजना एवं लोक अदालत योजना अंतर्गत ब्याज छुट की पात्रता रखते है, उन्हें उक्त योजनाओं की जानकारी देते हुए उन्हें समझाईश दी जावें की वह इन योजनाओं के अंतर्गत ब्याज राशि की छुट का लाभ लेते हुए उनकी ओर बकाया ऋण को जमा करें तथा पूनः शासन की शून्य प्रतिशत फसल ऋण योजना अंतर्गत ऋण प्राप्त कर लेवें। यदि किसी कृषक सदस्य की मृत्यु हो चुकि हो तो उनके वारिसान को फौती नामांतरण कर संस्था का सदस्य बनाते हुए नियमानुसार उक्त योजनाओं का लाभ दिलाया जावें ताकि वह भी शासन की शून्य प्रतिशत फसल ऋण योजना का लाभ उठा सकें।    एकमुश्त समझौता योजना के बारे में प्रबंध संचालक के द्वारा बताया गया कि इस योजना अंतर्गत ऋण कालातीत होने के पॉच वर्ष पश्चात के वर्षान्त 31 मार्च पर बकाया मुलधन एवं ब्याज की शतप्रतिशत राशि तथा उसके बाद से समझौता दिनांक तक ब्याज में 50 प्रतिषत की छुट प्रदान की जाती है। लाभ लेने वाले किसानों को पूनः शून्य प्रतिषत ब्याज पर फसल ऋण दिया जाता है जबकि अन्य बैंको में कालातीत ऋणी की सिबिल खराब होने पर उनको दोबारा ऋण नही दिया जाता है। लोक अदालत योजना अंतर्गत भी ब्याज में विशेष छुट प्रदान की जाती है।    गत दिवस कतिपय समाचार पत्रों में यह भ्रामक समाचार प्रकाशित किया गया था कि कालातीत किसानों से प्रदेश के अन्य जिलों की बजाया केवल खरगोन जिलें में ही वसूली की जा रही है जबकि सत्य यह है कि प्रदेश के समस्त जिलों में कालातीत किसानों से ऋण वसूली की जा रही है ताकि उनकों शासन की लोकप्रिय शुन्य प्रतिशत ब्याज पर फसल योजना अंतर्गत ऋण प्रदाय कर मुख्य धारा में लाया जावें। इस संबंध में वस्तुस्थिति से किसानों संगठनों के पदाधिकारियों एवं सदस्यों को तथा क्षैत्र के जनप्रतिनिधियों को भी व्यक्तिषः सम्पर्क कर अवगत कराया जावें एवं ग्राम चौपाल तथा समुह में किसानों से चर्चा कर उन्हें योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी जावें ताकि वह किसी भ्रम की स्थिति में न रहे।           प्रबंध संचालक के द्वारा लक्ष्य अनुसार ऋण वसूली नही करने वाले शाखा प्रबंधको के विरूद्ध अनुशसनात्मक कार्यवाही हेतु कारण बताओं सूचना पत्र जारी करने के दिए निर्देश। खरीफ मौसम मे जिन किसानों को ऋण वितरण किया गया था तथा जिनके द्वारा अभी तक ऋण जमा नही कराया गया है ऐसे सत्तर हजार किसानों से देय तिथि 28 मार्च 2025 तक शतप्रतिषत ऋण वसूली करने के निर्देश दिए गए इस हेतु समस्त मैदानी अमले को ताकिद किया जाकर उनसे व्यक्तिगत सम्पर्क कर वसूली उपरांत उन्हें शासन की शून्य प्रतिशत फसल ऋण योजना अंतर्गत ऋण वितरण किया जावें।        जो कालातीत किसान एकमुश्त समझौता योजना तथा लोक अदालत योजना में पात्रता धारण करने के उपरांत भी उसका लाभ नही लेना चाहते ऐसे किसानों से म.प्र. सहकारी अधिनियम की धाराओं के अंतर्गत उनकी चल/अचल सम्पत्ति कुर्की की जाकर वसूली की जावें। प्रथमतः ऐसे किसानों के नाम समितियों के सूचना पटल पर प्रदर्शित किए जावें तत्पश्चात सार्वजनिक स्थानों पर भी फ्लेक्स आदि के माध्यम से प्रदर्शित किए जावें। अकृषि ऋणों की वसूली हेतु ठोस कार्यवाही की जावें, शाखाओं के सूचना पटल एवं सार्वजनिक स्थानों उनके नाम प्रदर्शित किए जावें तथा उनसे वसूली हेतु निरंतर कुर्की जप्ती की कार्यवाही की जावें।      उक्त बैंठक में बैंक अधिकारी अनिल कानुनगो, राजेन्द्र आचार्य, संध्या रोकडे, सहित बैंक की 69 शाखाओं के शाखा प्रबंधक एवं बैंक मुख्यालय के विभिन्न कक्षों के कर्मचारी उपस्थित रहे।

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